केला (Banana), केला वानस्पतिक नाम क्या है,केला रोग एवं उपज ।

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 केला (Banana)

वानस्पतिक नाम  - मुसा स्पेन्टम, मुसा पैराडिसियाका

कुल - मूजैसी

उत्पत्ती स्थान -  दक्षिण-पूर्वी एशिया

गुणसूत्रों की संख्या - 2n = 22 

  • भारत का केले के उत्पादन में प्रथम स्थान है। 
  • केले में 27 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है।
  • केले में विटामिन A, B तथा C उचित मात्रा में पाए जाते हैं।  
  • भारत में केले के उत्पादन में तमिलनाडु का प्रथम स्थान है।
  • केला उष्ण कटिबन्धीय जलवायु का पौधा है।
  • केले का तना (प्रकन्द) या राइजोम भूमिगत होता है। 
  • केला एकबीज पत्री पौधा है।
  • केले में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक, प्रोटीन और वसा की मात्रा कम होती है।
  • केले की अधिकांश किस्में त्रिगुणित होती हैं। सब्जी की किस्म मंथन में सिर्फ ग्लूकोज पाया जाता है।
  • केले की कुछ किस्में पाला रोधी होती हैं। केले की अच्छी वृद्धि के लिए 10 से 40°C वार्षिक तापमान की जरूरत पड़ती है।
  • भारत में केले का प्रवर्धन अन्तः भूस्तरी तने द्वारा किया जाता है।
  • उत्तरी भारत में रोपण का समय वर्षा ऋतु है। मालाबार में सितम्बर-अक्टूबर में रोपण करते हैं।
  • महाराष्ट्र में बसराई किस्म की रोपाई का उपयुक्त समय मार्च-अप्रैल माह है। 
  • 2.5 से 3 मीटर- केले की अधिक बढ़ने वाली जातियाँ।
  • 1.8-2.5 miter - केले  की कम बढ़ने वाली जातियाँ। 
  • रोपण करते समय संकर की ऊँचाई 90 सेमी ठीक रहती है।
  • कैल्शियम की कमी से पुरानी पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं और ऊतक क्षय में बदल जाती हैं।
  • केले के पौधों में लोहे की कमी से पत्तियों के बीच हरिमाहीनता हो जाती है।
  • केले में पोटाश की अधिक मात्रा प्रयोग की जाती है। 
  • ढलवाँ ऊँचे-नीचे क्षेत्रों में सिंचाई छिड़काव विधि से करते हैं। चाहिए।
  • केले के बाग में वर्षा ऋतु में मिट्टी चढ़ानी केले में वानस्पतिक अनिषेकजनकता पाई जाती है।
  • केले के पौधे में रोपण के 9-12 माह बाद फूल आना शुरू हो जाता है।
  • केले का फल बेरी होता है। 
  • यह क्लाइमेट्रिक फ्रूट है।


उन्नतशील किस्में- हरी हाल, पूवन, बसराई, ड्वार्फ केवेन्डिस, नेन्द्रन, सफेद बेल्ची, लाल केला, को-1 आदि


ग्रॉस मीचेल

  • स्यूडोस्टेम केले का भूमि से ऊपर का भाग जो तने के रूप में रूपान्तरित हो जाता है, राइजोम कहलाता है।
  • केले के पुष्पक्रम को स्पेडीक्स कहते हैं। .
  • केले की कोयम्बटूर-1 किस्म का मादा जनक केलार लाइन है।
  • केले के उच्च घनत्व रोपण के लिए 3000-4500 पौधे प्रति हेक्टेयर आवश्यक होते हैं।
  • केले में इमप्रोपर बन्च फिलिंग पोटैशियम की कमी से होता है। 
  • केले में सीगाटोका एक भयंकर रोग है जो 1913 ई० में फिजी की सीगटोका घाटी में सबसे पहले देखा गया था। 
  • केले की नेन्द्रन किस्म चिप्स बनाने के लिए उत्तम रहती है।


रोग

  • केले में पनामा म्लानी रोग कवक द्वारा होता है।
  • बन्ची टॉप एक विषाणुजनित रोग है जो माहू द्वारा फैलता है।
  • पनामा रोग फ्यूजेरियम ऑक्सीपोरम कवक द्वारा होता है। 
  • पर्णचित्ती रोग मायकोस्फेरिल म्यूजीकोला कवक द्वारा होता है।


उपज


  • केले की बसराई किस्म बंगाल में सालभर में 3 बार फल देती है। 
  • भारत में प्रति हेक्टेयर केले की ऊपर 10 टन प्रति हेक्टेयर होती है।
  • केले को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए इव्प्रेल का प्रयोग करते हैं।
  • इससे इथाइलीन गैस निकलती है।
  • केले का भण्डारण 13°C तापक्रम तथा 85-95 प्रतिशत आपेक्षित आर्द्रता पर तीन सप्ताह की अवधि के लिए किया जा सकता है।
  • केले के फल को पकाने के लिए 20°C तापमान उपयुक्त रहता है। 
  • फलों का गुच्छा आने के बाद पौधों का ऊपरी भाग भारी हो जाता है। इसके लिए लकड़ी की बल्ली या दो बाँसों से कैंची बनाकर सहारा देते हैं। इस क्रिया को प्रोपिंग कहते हैं।

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